- : जादुई झरना : -
Bed Time Short Story Hindi
बहुत समय पहले की बात है एक घने जंगल के पास एक झोपड़ी में एक बुढ़े लकड़हारे का परिवार रहता था वे बहुत गरीब थे उनके पास कुछ भी सुख सुविधा के साधन नहीं थे जैसे तैसे अपनी जिंदगी गुजार रहे थे ।
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घना जंगल |
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झोपड़ी |
एक दिन वहां पर एक बहुत बड़ा तूफान आया और उनकी झोपड़ी तहस-नहस हो गई उन्होंने किसी तरह से अपनी झोपड़ी को फिर से ठीक कर के रहने लायक बनाया लेकिन उस समय ठंड का मौसम था झोपड़ी के ठीक से न बनने के कारण उसमें सर्द हवाओं का झोंका आ रहा था इसी कारण से वह बुढा लकड़हारा 🤒🥶बीमार हो गया वह बहुत ही कमजोर महसूस करने लगा, बीमारी के इलाज के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे क्योंकि जो भी पैसे थे उन्होंने अपनी झोपड़ी ठीक करने में लगा दिऐ थे ।
कमजोरी के कारण वह अब लकड़ी काटने भी नहीं जा सकता था जिसके कारण उसके परिवार को और मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि लकड़ी काट कर ही वह अपने परिवार का पालन पोषण करता था यह सोच कर वह बहुत 😞दुखी हो जाता है ।
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बुढ़ा लकड़हारे |
फिर उसे अपने दादा की वो कहानी याद आती है जो उसने अपने बचपन में सुना था कि उस जंगल में एक जादुई झरना था जो किसी भी बीमारी को ठीक कर देता था वह सोचने लगता है कि काश ! वह झरना अभी होता है तो मैं उसका पानी पीकर ठीक हो जाता ,और अपने काम पर फिर से वापस लौट पता जिसे अपने परिवार की मदद कर पाता ।
उस लकड़हारे का एक 15 साल का बेटा था जो यह सब कुछ सुन रहा था वह यह सब सुनकर बहुत😟 दुखी हो जाता है और अपने मन में ठानता है कि वह कल सुबह लकड़ी काटने जाएगा और अपने घर पर लकड़ी काटकर कुछ पैसे कमा कर लाएगा जिससे वह अपने पिता जी के लिए दवाई ला सके ।
लकड़हारे का बेटा जिसका नाम मनु था वह सुबह सूरज🌝 उगने से पहले ही अपने बिस्तर से उठ जाता है वह झटपट अपने पिताजी की कुल्हाड़ी लेकर जंगल की ओर लकड़ी काटने निकल जाता है उसे लकड़ी काटते-काटते सुबह से अब शाम होने वाली थी मनु बहुत थक😮💨 जाता है उसे बहुत पसीना आता है उसके होंठ सफेद पड़ गए थे उसे बहुत प्यास लगी थी लेकिन उसे अपने पिता जी की बहुत चिंता थी उसे दवाईयों के लिए पैसे कमाने थे इसीलिए वह पुरी ताकत लगाकर फिर से लकड़ी काटने लगता है ।
लकड़ी काटते - काटते मनु को पानी बहने की आवाज सुनाई देती है वह सोचता है कि मुझे यहां सुबह से शाम हो गई लेकिन अब तक मुझे कोई भी आवाज कहीं से भी नहीं आ रही थी अचानक यह कैसी आवाज सुनाई दे रही है वह आवाज सुनकर , उस आवाज की तरफ जाने लगता है।
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मनु |
कुछ दूर जाते ही उसे एक पहाड़ के पीछे से झरना गिरता हुआ दिखाई देता है झरना देखकर उसकी प्यास और बढ़ जाती है इसलिए वह झरने से पानी पीने के लिए आगे बढ़ता है झरने से पानी पीने के लिए अपने हाथों को आगे बढ़ाता है मनु अपने 🤲हथेली में झरने का पानी लेकर पीने लगता है पानी पी कर उसे बड़ा ही अजीब लगता है क्योंकि इससे पहले उसने ऐसा पानी कभी नहीं पिया था इसीलिए वह बार -बार झरने से पानी लेकर पीता है क्योंकि झरने का पानी बहुत मीठा था और झरने का पानी बिल्कुल भी ठंडा नहीं था झरने का पानी पीकर मनु को एहसास होता है कि उसके शरीर में बहुत ज्यादा सुफुरती और ताकत आ जाती है सुबह से जो लकड़ी काटने की वजह से उसके शरीर में थकान और कमजोरी हो गई थी वह थकान और कमजोरी खत्म हो गई है ।
मनु को अपने पिताजी की बात याद आती है की बहुत समय पहले एक ऐसा जादूई झरना था जिसको पीने से सारी बीमारियां और थकान कमजोरी दूर हो जाती है इसलिए मनु झरने का पानी अपने एक मटके में भरता है जो अपने साथ लेकर वहां आया था ।
मनु घर पर जाकर उस मटके से पानी निकाल कर अपने पिता जी को देता है उसके पिताजी को पानी पीकर बहुत अच्छा😌 महसूस होता है उसके पिताजी पानी पीकर कुछ देर में ही स्वस्थ हो जाते हैं इसलिए दोनों खुशी से नाचने गाने🕺🤸 लगते हैं जो कुछ भी जंगल में हुआ मनु सारी बात अपने पिताजी को बताता है ।
शाम के समय बूढ़े लकड़हारे के घर पड़ोस मे रहने वाली एक औरत आती है तो बूढ़ा लकड़हारा उस औरत को वही मटके वाला पानी पिलाता है मटके का पानी पीकर वह औरत इस पानी के बारे में पूछती है तो मनु पानी के बारे में सारी बात उस औरत को बता देता है फिर वह औरत वहां से चली जाती है लेकिन जादुई झरने की बात रातों रात पूरे गांव में फैला देती है जिसके कारण वह पानी पीने के लिए मनु के घर गांव वालों की लाइन लग जाती है मटके का पानी पिलाते -पिलाते मटके का पानी खत्म हो जाता है ।
यह देखकर मनु सोचता है कि सुबह होते ही जादुई झरने का पानी फिर से लेने जाऊंगा I मनु सुबह उठता है और बड़ा सा मटका उठाकर उस झरने की ओर चला जाता है
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जादुई झरना |
वहां पहुंचकर मनु यह देखकर हैरान हो जाता है की सभी गांव वाले जादुई झरने का पानी लेने आए हैं मनु एक बड़े से पत्थर के पीछे खड़ा हो जाता है एक गांव वाला झरने का पानी पीने के लिए झरने की ओर जाता है और पानी पीता है लेकिन पानी पीते ही गांव वाला चिल्लाता है कि मनु ने हम से झूठ कहा था मनु की सारी बात झूठ है क्योंकि इस झरने का पानी बिल्कुल भी मीठा नहीं है और बहुत ठंडा है यह तो एक आम पानी का झरना है इसे पीने से तो कुछ भी महसूस नहीं हो रहा है सभी गांव वाले मनु को कोसते हुए गुस्से में वहां से चले जाते हैं
मनु यह सब उस पत्थर के पीछे से देख रहा था उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि वह झरने का पानी कैसे बदल गया इसलिए मनु उस जादुई झरने के पास जाकर उसका पानी पीता है 🏞️जादुई झरने का पानी पीते ही मनु को वही स्वाद आता है जो उसे पहले स्वाद आया था यह वही मीठा और स्वादिष्ट पानी है, इसलिए मनु जादुई झरने का पानी अपने मटके में भर कर खुशी -खुशी 🙂🙂अपने घर के लिए चला जाता है ।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि विश्वास और मेहनत के साथ हम कई मुश्किलों को पार कर सकते हैं , बस हमे स्वयं पर विश्वास होना चाहिए । अंत मे मेहनत का फल जरूर मिलता
है ।🙂
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