Introduction : -"तीन मछलीयों की कहानी "
Bed Time Story Hindi
"तीन मछलियों की पूरी कहानी "
मछुआरे ( fisherman ) |
मछलियां |
मरी हुई मछली फेंकते हुऐ |
FAQ
कहानी सुनाने से छोटे बच्चों को कैसे मदद मिलती है?
कहानी सुनाने से छोटे बच्चों को कई तरीकों से मदद मिलती है:
1. भाषा विकास: कहानियां बच्चों की भाषा और शब्दावली को विकसित करने में मदद करती हैं. वे नए शब्द सीखते हैं और अच्छे संवाद कौशल विकसित करते हैं.
2. सोचने की क्षमता: कहानियां विचारशक्ति और तर्क क्षमता को बढ़ावा देती हैं, क्योंकि बच्चे कहानी के प्लॉट और पात्रों के साथ जुड़ते हैं और समस्याओं का समाधान खोजते हैं.
3. नैतिक शिक्षा: कहानियां नैतिक मूल्यों की सीख देती हैं और बच्चों को अच्छे और बुरे कर्मों के परिणाम का ज्ञान होता है ।
रात में बच्चों को कौन-कौन सी कहानी सुननी चाहिए ?
रात में बच्चों को सुनने के लिए किसी भी प्रकार की कहानी सुनाई जा सकती है, लेकिन यह आवश्यक है कि कहानियां उनकी उम्र और रुचि के अनुसार हों। कुछ सामान्य प्रकार की कहानियां निम्नलिखित हो सकती हैं:
1. पौराणिक कथाएँ: भारतीय पौराणिक कथाएँ धार्मिक और मॉरल मूल्यों का सन्देश देती हैं.
2. आदर्श कहानियाँ: आदर्श कहानियां नैतिक मूल्यों का सन्देश देने के लिए उपयोगी होती हैं.
3. जीवनी: महान व्यक्ति
4. फेयरी टेल्स: ये फेयरी और मैजिक से भरपूर कहानियां होती हैं और बच्चों की रोमांचक इमेजिनेशन को बढ़ावा देती हैं ।
बच्चों को दिन में कितने घंटे पढ़ना चाहिए ?
बच्चों के लिए दिन में पढ़ाई की समय सीमा उनकी आयु, शैली, और शैक्षिक लक्ष्यों पर निर्भर करती है। यहां कुछ सामान्य मानक हैं:
1. प्रस्कूल बच्चे (2-5 वर्ष): इस आयु समूह के लिए, पढ़ाई को खेल और खेल के रूप में प्रस्तुत करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्हें दिन में कुछ घंटे खेलने और सोशल और काल्पनिक कौशल विकसित करने के लिए खर्च करना चाहिए.
2. प्राइमरी विद्यालय (6-11 वर्ष): इस आयु समूह के बच्चों को दिन में 2-3 घंटे अध्ययन करना चाहिए, जिसमें स्कूल के पाठ्यक्रम के अलावा समय टेबल की निर्देशिका दी जा सकती है।
3. माध्यमिक और उच्चतर स्कूल (12-18 वर्ष): इस आयु समूह के लिए अधिक अध्ययन की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन समय का ब्रेक और फिजिकल एक्टिविटी का समय भी महत्वपूर्ण होता है। बच्चों को अपने शैक्षिक लक्ष्यों के हिसाब से समय तय करना चाहिए ।
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